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संयुक्त मोर्चा संघ के सदप्रयास से अतिशेष शिक्षकों को मिला न्याय*

*संयुक्त मोर्चा संघ के सदप्रयास से अतिशेष शिक्षकों को मिला न्याय*

(शिक्षकों के हित से जुड़ी अन्य मांगे भी यथाशीघ्र होंगी पूर्ण )

कटनी /अतिशेष के नाम पर शिक्षकों के साथ चल रहे अन्यायपूर्ण छलावे को नजदीकी से भाँप कर अधिकारी -कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संगठन के कटनी जिले के पदाधिकारीयों में संस्थापक सरमन तिवारी, प्रवक्ता कुंवर मार्तण्ड सिंह राजपूत,अध्यक्ष आर.के.बत्रा, सचिव हरप्रीत सिंह ग्रोवर, महामंत्री सुनील मिश्रा सहित अनेकों पदाधिकारीयों ने प्रदेश के पीड़ित शिक्षकों की मनोदशा को राजधानी स्तर के प्रांतीय पदाधिकारीयों को विस्तार से अवगत कराकर इस हेतु समाधान का प्रयास चाहे.मनमाफिक ढंग से किये जा रहे अतिशेष शिक्षकों के स्थानंतरण कार्यवाही से प्रदेश के शिक्षकों में शासन के प्रति पनप रहे जबरजस्त आक्रोश से हरकत में आये कर्मचारियों के सच्चे रहनुमा प्रान्तप्रभारी अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संघ जितेंद्र सिंह द्वारा, गत दिवस अपने कार्यकारणी के सहयोगी सदस्यों को लेकर समस्त पीड़ित शिक्षकों का पक्ष विभागीय शिक्षा मंत्री के समक्ष रखकर अतिशेष शिक्षकों की चल रही प्रक्रिया पर तुरंत विराम लगाने की मांग करने उनके बंगले पहुँच गये.मोर्चा के नेताओं द्वारा पीड़ित अतिशेष शिक्षकों का सारगर्भित पक्ष रखते हुए शालेय शिक्षा मंत्री राव उदयराज सिंह को उन्होंने बताये कि, आयुक्त लोक शिक्षण संस्थान इन दिनों प्रदेश के शिक्षकों को फुटबाल की तरह इस्तेमाल कर उनका मज़ाक बनाने में तुला है. परिणामतः अभी छः महीने पहले स्थानांतरण में नवीन शाला में अतिशेष और उच्च पद प्रभार में आया शिक्षक जो ठीक से अपनी नवीन शालाओं के अध्यापन कार्य में संलग्न भी नहीं हो पाया था कि,एक बार फिर उसे मार- मार कर जबरन अतिशेष बनाकर स्थानांतरण की दहलीज पर आकर खड़ा कर दिया गया है. संयुक्त मोर्चा के नेताओं द्वारा अवगत कराया गया कि शिक्षकों को एक साल के अंदर पुनः स्कूल परिवर्तन से छात्र -छात्राओं की पढ़ाई पर पड़ने वाले विपरीत असर से बच्चों की पढ़ाई के साथ साथ परीक्षा परिणाम पर भी बुरा असर पड़ना लाजमी है . इस बात का मनोवैज्ञानिक दर्शन कराते ही शिक्षा मंत्री ने इसे अत्यंत गंभीरता से लेते हुए हरकत में आकर उच्च अधिकारियों को निर्देश दिये कि अतिशेष प्रक्रिया पर तुरंत ब्रेक लगाया जावे, उन्होंने स्पष्ट किये कि अब अतिशेष की कार्यवाही से वे शिक्षक ही प्रभावित होंगे, जिन्होंने गत वर्ष हुए स्थान परिवर्तन के चलते आज तक नवीन पदांकित शालाओं में कार्य भार ग्रहण नहीं किये हैं.अधिकारी-कर्मचारी संघ के प्रांतीय नेतृत्वकर्ताओं ने शिक्षकों के क्रमोन्नति में होने वाले अनावश्यक विलंब सहित, एरियर्स के भुगतान में कोषालय की अड़ंगेबाजी, पदोन्नति प्रारंभ करने और शिक्षकों को चतुर्थ समयमान वेतनमान के आदेश शीघ्र जारी करने का अनुरोध भी शालेय शिक्षा मंत्री से किये, जिस पर उन्होंने यथाशीघ्र मांगों का निराकरण करने का आश्वासन प्रतिनिधि मंडल को दिये. कर्मचारी नेताओं द्वारा शिक्षकों और कर्मचारी के हित संरक्षणशालेय शिक्षा मंत्री द्वारा किये जा रहे सदप्रयासों की सराहना भी की गयी है.

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